पाकिस्तान में आईएमएफ़ पेट्रोल, गैस और बिजली की क़ीमतों में वृद्धि क्यों चाहता है? क्या यह करना सही होगा!
(IMF) ने पाकिस्तान को कहा की - गैर ज़रूरी सब्सिडी को ख़त्म करने और आमदनी का स्थायी स्रोत तलाशने के लिए कहा था
पाकिस्तान सरकार की तरफ़ से बुधवार को एक मिनी बजट पेश किया गया! मिनी-बजट में 170 अरब पाकिस्तानी रुपये के नए टैक्स लगाए गए हैं!
पेट्रोल, गैस और दूसरी ज़रूरी चीज़ों की क़ीमतों पर टैक्स बढ़ा दिए गय! जिसकी वजह से जनता कभी नाराज है!
I(MF) क्यों चाहता है कि पाकिस्तान में हर चीज़ पर ख़ासकर पेट्रोल, बिजली, गैस वग़ैरह आम जनता के लिए और महंगी हो? आप को क्या लगता है क्या यह सही हो रहा है ?
क्या पाकिस्तान में चीज़ों की क़ीमत आईएमएफ़ तय करता है? पर ऐसा क्यों ?
आर्थिक विशेषज्ञ सना तौफ़ीक़ ने यह बताया कि (IMF)यह नहीं चाहता कि पाकिस्तान में चीज़ें महंगी हों. तो फिर क्या चाहती है!
आईएमएफ़ की सरकार से मांग इसलिये कि है ताकि! वो अपनी अर्थव्यवस्था को सही दिशा में लेकर आ गये जाए!
(IMF) किसी भी देश की अर्थव्यवस्था को सही दिशा में ले जाने के लिए जो क़दम उठाने पड़ते उससे महंगाई होती ही है! क्या सच में पाकिस्तान के हालत सुधरेगे !
आपको क्या लगता है महंगाई बढ़ाने से पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति सुधरेगी?